My writings can be read here मेरे लेख मेरे विचार, Awarded By ABP News As best Blogger Award-2014 एबीपी न्‍यूज द्वारा हिंदी दिवस पर पर श्रेष्‍ठ ब्‍लाॅग के पुरस्‍कार से सम्‍मानित

शुक्रवार, 3 अक्तूबर 2014

Why not Learn from chine to keep clean our city

इसमें कोई शक नहीं कि हमारे देश में गंदगी बहुत दिखती है, सफाई को हम गंभीरता से नहीं लेते और सफाई के नाम पर, सफाई के लिए बनी संस्‍थाएं सरकारी पैसे की सफाई बडी निमर्मता से करती हैं, लेकिन सफाई अभियान थोडा वैज्ञानिक होना चाहिए, जैसे कि केवल कच्‍ची जमीन पर झाडू लगा कर धूल साफ करना सफाई नहीं है, इससे मिट्रटी की उपरी परत नष्‍ट होती है, इसके स्‍थान पर कच्‍ची जमीन की लिपाई हो, तोकि मिट्रटी सुरक्षित रहे व गोबर से उसका कीटाणुहरण हो, सफाई करते समय हाथ में दस्‍ताने हों, कच्‍ची जमीन पर बुहारी देते समय मुंह पर पट्रटी भी हो तो बेहतर है, निकले कूडे का बाकायदा वर्गीकरण हो कागज जैसे चक्रीकरण वाले कूडे को अलग रखा जाए, पेड की सूखी पत्‍ती को जलाया नहीं जाए, थूकने और मूञ त्‍याग वाले कोनों पर चूना, क्‍लोरिन डाला जाए, , यदि पढे लि खे जिम्‍मेदार लोग ऐसे सलीके से सफाई करेंगे तो सफाईकर्मचारी के भी दिन बहुरेंगे, उसे नियमानुसार दस्‍ताने व मुंह पर लपेटने के लिए यंञ मिल जाएगा, सफाई करते समय सफाईकर्मी का स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहे, इसके लिए वाल्‍िमिकी बस्तियों में सडक , नाली की सुविधा बहाल हो, उनके मुहल्‍ले के पास से शराब की दुकान भगाई जाए, वहां अस्‍पताल बनाया जाए, सफाईकर्मियों को उनके काम के लायक पैसा मिले, यदि इन बातों पर ध्‍यान दें तो जल्‍द ही ह‍मारा मुल्‍क साफ होगा, 
कुछ दिनों पहले मैनें पेइचिंग, चीन में सडक पर सफाई करने वाले के उपकरण के चिञ लगाए थे, साईकिल पर उसके हाथ में एक चिमटा है, जिससे वह चलते चलते कूडा उठाता है, उसकी साईकिल की टोकरी में फिनाईल आदि सबकुछ होता है, एक बार फिर उस पर गौर करें, इसमें एक सफाईकर्मी दो किलोमीटर का प्रभारी होता है और वहां गंदा करने वालों पर कार्यवाही का भी उसे हक होता है 
हमारे यहां से बहुत से अफसर नेता चीन जाते रहे हैं, वहां से सीखने के नाम पर, लेकिन यह छोटा सा प्रयोग नहीं सीखा ा इस छोटे से प्रयोग पर बामुश्किल पांच हजार रूपए का व्‍यय आएगाा 
अभी स्‍वच्‍छता अभियान में यह सामने दखिा कि सभी सफाई करने वालें आवश्‍यक सुरक्षा उपायों के बगैर झाडू लगा रहे थे, अब कह सकते हैं कि जब बडे बडे लोग बगैर दस्‍ताने व मुंह पर कपडा लगाए सफाई कर रहे हैं तो उस निरीह सफाईकर्मी की चिंता कौन करेगा
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