यदि
गंगा में बनारस से कोलकता तक बडे पानी के जहाज चलेंगे तो क्या पर्यावरण
सुधरेगा ? मुझे लगता है कि जहाज चलने से जल जीव ज्यादा मरते हैं, मछली,
कछुए तो नदी की जान होते हैं और जहाज चलने से तेल रिसने व जलने से प्रदूषण
अधिक होता है, लगता है कि गंगा का इस तरह से विकास करने पर फिर से विचार
करना चाहिए] प्रस्तावित रास्ता 1620 किलामीटर का है पटना हाेतु हुए
हल्दिया तक का , जहाज चलाने के लिए गहरे पानी की
जरूरत होती है और इसके लिए ड्रजिंग की जाती है, कई बार गहराई से ड्रेजिंग
करने पर भूजल की झिरों को नुकसान होता है, जिससे सब बेसिन के भूजल भंडार
सूख जाते हैं, गंगा पहाड से आती है और अपने साथ बहतु सा मलवा और रेत लाती
है जो मैदानेां पर आ कर टिकता है, कई जहग इससे उपजाउ जमीन बनती है, ऐसे में
गंगा के नैसर्गिक स्वरूप से छेडछाड करना खतरनाक हो सकता है
My writings can be read here मेरे लेख मेरे विचार, Awarded By ABP News As best Blogger Award-2014 एबीपी न्यूज द्वारा हिंदी दिवस पर पर श्रेष्ठ ब्लाॅग के पुरस्कार से सम्मानित
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Have to get into the habit of holding water
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