नंबर-दौड़ में गुम शिक्षा का मकसद | ||
पंकज चतुव्रेदी
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आज मूल्यांकन का आधार बच्चों की योग्यता न होकर उनकी कमजोरी है। यह सरासर नकारात्मक सोच है, जिसके चलते बच्चों में आत्महत्या, पच्रे बेचने-खरीदने की प्रवृत्ति, नकल व झूठ का सहारा लेना जैसी बुरी आदतें विकसित हो रही हैं। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य इस नंबर-दौड़ में गुम होकर रह गया है परीक्षा व उसके परिणामों ने एक भयावह सपने औ र बच्चों के नैसर्गिक विकास में बाधा का रूप ले लिया है। कहने को तो अंक सूची पर प्रथम श्रेणी दर्ज है, लेकिन उनकी आगे की पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूलों ने भी दरवाजों पर शतरे की बाधाएं खड़ी कर दी हैं
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Rashtriy Sahara 17-3-15 |
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