देश को आजादी के बाद सबसे बडी आजादी देने वाले कानून के दस साल हो गए,
जिलसके चलते सरकार का लेखा जोखा आम आदमी को उपलब्ध होने का जरिया खुला, एक
ऐसा कानून जिससे अफसरान व दफतर खौफ खाते हैं और कहा जा सकता है कि देश की
दूसरी असली क्रांति का जनक यही कानून है , लंबी लोकतांञिक बहस, विमर्श,
पारदर्शिता के बाद 12 अक्तूबर 2005 को सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू
इन्फाॅरमेशन कानून जम्मू कश्मीर के अलावा पूरे देश में लागू हुआ था,
आरटीआई का अर्थ है सूचना का अधिकार और इसे संविधान की धारा 19 (1)
के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। धारा 19 (1), जिसके तहत
प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है और उसे
यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है, इसकी क्या भूमिका है,
इसके क्या कार्य हैं आदि।इसकी सफलता की लाखों कहानियां गांव कस्बों तक
फैली हैं , इस दिन को याद करें, ''सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू
इन्फाॅरमेशन'' के एक दशक पूरा होने पर बधाई, शुभकामनाएं
गाय गोबर, दंगों को याद करने वालों जरा कुछ सकारात्मक अतीत को भी याद कर लिया करो
गाय गोबर, दंगों को याद करने वालों जरा कुछ सकारात्मक अतीत को भी याद कर लिया करो
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