My writings can be read here मेरे लेख मेरे विचार, Awarded By ABP News As best Blogger Award-2014 एबीपी न्‍यूज द्वारा हिंदी दिवस पर पर श्रेष्‍ठ ब्‍लाॅग के पुरस्‍कार से सम्‍मानित

शुक्रवार, 8 मार्च 2019

How noon river become sewer

अपने अस्तित्व को तड़पती नून नदी 
बुन्देलखण्ड का जल संकट और प्यास कुख्यात है लेकिन कई बार लगता है कि इस हालात के लिए यहा का समाज भी कम जिम्मेदार नहीं हैं , यह है उरई शहर के बीच से गुजरने वाली जलनिधि



. अभी तीन दशक पहले तक यह नून नदी थी जो आगे जा कर कालपी के करीब यमुना में मिलती है, अब उरई शहर में यह नूर नाला बन गयी, इसमें सारे शहर का गंदा पानी सीधे डाला जाता हैं , भले ही पानी के लिए त्राहि त्राहि हो लेकिन नदी कि ह्त्या करने पर किसी को कोई डर या संकोच नहीं 
अभी लौटा हूँ वहां से-- जल्द ही विस्तार से लिखूंगा.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Do not burn dry leaves

  न जलाएं सूखी पत्तियां पंकज चतुर्वेदी जो समाज अभी कुछ महीनों पहले हवा की गुणवत्ता खराब होने के लिए हरियाणा-पंजाब के किसानों को पराली जल...