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शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

Dhirendra Shastri: Those who spread blind faith are actually vote brokers

 धीरेन्द्र शास्त्री : अंध विश्वास फैलने वाले असल में वोटो के दलाल है

मैं उसी छतरपुर जिले का हूँ जहां के धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों हिन्दू -सनातन धर्म के रक्षक बने हैं , कोई बीस साल इस जिले के हर गाँव- मजरे तक गया हूँ --- गाँव गाँव में मंदिर मढ़ैया देखी हैं ,
सन 1994 में छतरपुर छोड़ा और उसके भी दस साल बाद तक वहाँ सीधे जुड़ा रहा- राजनीति से, समाज से , लोगों से -- वहाँ कभी भी गढा गाँव या वहाँ के किसी कथावाचक का नाम सुना नहीं गया। वहाँ कोई मंदिर है ? इसका कभी उल्लेख हुआ नहीं, बाला जी नाम के भगवान को वहाँ के लोग जानते नहीं थे।
बजरंगबली या हनुमाज जी को बाज़ार ने एक नाम दे दिया "बाला जी" और उस दुकान पर कई ठीये खुल गए . बुंदेलखंड की जनता आस्था में भरोसा रखती है लेकिन श्रम उसकी ताक़त रहा है । एक बात जान लें देश में कम से कम ऐसे दस कथा वाचक, सन्यासी, बाबा पैदा किए गए हैं जो खुद को त्रिकाल दर्शी कहते हैं । वास्तव में ये सभी संघ परिवार की अघोषित सेना है । जो धर्म ,आ स्था, चमत्कार के नाम पर लोगों को जोड़ते हैं ।
नागपूर प्रकरण के बाद अचानक हर चैनल पर धीरेन्द्र के साक्षात्कार आने लगे, हर एक ने आधे घंटे का कार्यक्र्म कर दिया, दीमक चोर-सिया उनसे लाइव बात कर रहे थे -- रजत शर्मा के चेनल का पुत्रकार तो चरणों में बैठा था ।
धीरेन्द्र के वक्तव्य गौर करें --
1। दूसरे धर्म पर सवाल क्यों नहीं उठाते, मजार पर क्या तुम्हारा बाप-दादा लेटा है जो वहाँ नहीं जाते
2। मुझ पर सवाल करना अर्थात हनुमान जी पर सवाल करना है
3। मैंने कुछ लोगों की हिन्दू धर्म में वापिसी कारवाई इस लिए विधर्मी मेरे पीछे लगे हैं
4। वामपंथी हिन्दू और सनातन धर्म के खिलाफ है
ऐसे ही बयान धीरेन्द्र टीवी पर दे रहे है, -- एक तो यह अन्य आस्था के खिलाफ नफरत और विद्वेष फैला रहे हैं , दूसरा केवल खुद को हनुमान जी का भक्त बता रहे हैं , जान लें यह उन सनातन धर्म मानने वालों के खिलाफ भी है जो हनुमान जी में आस्था रखते हैं । धीरेन्द्र के अनुसार वे केवल बड़े भक्त बाकी को उनके माध्यम से जाना होगा । सनातन में भगवान और भक्त के बीच किसी मध्यस्थ की जरूरत ही नहीं होती ।
असली सवाल चमत्कार की परीक्षा का था - भगवान की शक्ति का डीएम भरने वाले धीरेन्द्र जिस तरह से बौखला कर गालिया दे रहे हैं - ठठरी बांधने (अर्थात अंतिम संस्कार की तैयारी ) की बात कहर आहे हैं , उसे साफ है कि वह असली प्रश्नो पर उत्तर न दे कर भावनात्मक, सांप्रदायिक और गाली गलोज पर उतरे हैं ।
असल कमाई और धंधे का सवाल है - गुमनाम गाँव में हर दिन हजारों लोग आते हैं हर दिन डीएस हज़ार तो पानी को बोतलें बिकती हैं, धीरेन्द्र और उनके चेलों ने आधे गाँव की जमीन पर कब्जे किए हैं, सवा लाख रुपए रोज तो दुकानों का किराया है । छतरपुर जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर गढ़ा गांव देखते ही देखते व्यवसाय का एक बड़ा केंद्र बन गया है। शनिवार और मंगलवार को धाम में लाखों की संख्या में लोग आते हैं। यहां लगने वाली दुकानों की बंपर कमाई होती है जिस वजह से यहां की जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं। गांव की जिस जमीन के दाम कभी हजारों में हुआ करते थे, आज वह करोड़ों में पहुंच गया है। यही वजह कि गांव में जमीन को लेकर संग्राम शुरू हो गया है।
दुकानों का किराया पहुंचा लाखों में
बागेश्वर धाम में लगने वाली दुकानों का किराया हजारों से शुरू होकर लाखों में पहुंच गया है। धाम में दुकान लगाने वाले एक युवा दुकानदार ने बताया कि वह चित्रकूट का रहने वाला है। वह पूजन सामग्री और धाम स्थल की तस्वीरें बेचता है। उसका दुकान महज 10×15 की है जिसका किराया 10 हजार रुपये है। यह किराया दुकान की साइज एवं धाम के नजदीक पहुंचते ही लाखों में पहुंच जाता है। धाम के अंदर रेस्टोरेंट चलाने वाले एक व्यवसाय मेवाराम जाट का कहना है कि वह राजस्थान का रहने वाला है। एक छोटे से रेस्टोरेंट के लिए उसे ₹50000 किराया देना पड़ता है। उसने सोचा है कि यहां पर जमीन खरीद ले। गांव की जमीन की कीमत पता की तो उसके होश उड़ गए। उससे करोड़ों रुपये कीमत मांगी गई।
इन दिनों धीरेन्द्र के चेले गाँव की तालाब में मिट्टी भरवा रहे हैं ताकि वहाँ बाज़ार बना सके । सब कुछ अवैध है लेकिन जेबी राजी का गृह मंत्री "दरबार" मे आता हो तो किस बात का डर? मंदिर से सटे खसरा नंबर 485/2, 482, 483, 428 (जो क्रमश: 0.421 हेक्टेयर, 0.388 हेक्टेयर, 0.401 हेक्टेयर और 1.121 हेक्टेयर है) जमीन राजनगर तहसील के सरकारी रिकॉर्ड में श्मशान, तालाब और पहाड़ के रूप में दर्ज है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और उनके सेवादार तालाब काे पाटकर अब दुकान बनवा रहे हैं। निर्माण कार्य जोरों से चालू है। श्मशान में शव जलाने पर रोक लगा दी गई है।
सरकारी जमीन काे चारों ओर से घेरकर कब्जा किया जा रहा है। तहसीलदार ने निर्माण को लेकर एक नोटिस जारी किया है, लेकिन निर्माण जारी है। खसरा नंबर 428 पर अवैध टपरों का निर्माण करके लोगों को किराए पर देकर अवैध वसूली की जा रही है।
वर्तमान में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जहां अपना दरबार लगाते हैं, वह एक सामुदायिक भवन है। सरकारी भवन का पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री निजी उपयोग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पहले इस भवन का उपयोग ग्रामीण करते थे। इसमें शादियां होती थीं, लेकिन अब इस पर पंडित जी का कब्जा है।
धीरेन्द्र ने एक वेबसाईट भी बनाई है और उस पर वह गरीबी दूर करने का यंत्र बेचता है - मुझे लगता है की देश मेन हर महीने अस्सी आक्रोड को मुफ्त अनाज देने की जघ बाबा का जंतर हे देना चाहिए- ईमानदारी से यह भी अंध विश्वास उन्मूलन कानून के तरह अवैध है --विज्ञापन इस प्रकार है –
बागेश्वर धाम श्री यंत्रम् |
क्या आप खूब मेहनत करते हैं लेकिन आपकी गरीबी दूर नहीं हो रही है। दरिद्रता ने आपकी कमर तोड़ रखी है। आपकी दरिद्रता दूर होगी श्री बागेश्वर सरकार के महाप्रसाद से…
एक ऐसा श्री श्री यंत्रम् जिसमें मां लक्ष्मी की कृपा और दिव्यता का अलौकिक वरदान समाहित है लेकिन ये मौका पूरे भारतवर्ष के केवल 5 हजार लोगों को ही मिलेगा। 5 हजार भाग्यशाली भक्तों के घर में अभिमंत्रित, वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विधिपूर्वक पूजन करवाकर सिद्ध किया हुआ श्री श्री लक्ष्मी यंत्रम् स्थापित करवाया जाएगा। अगर आप भी अभिमंत्रित श्री श्री लक्ष्मी यंत्रम प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए क्लिक करें….
श्री श्री लक्ष्मी यंत्रम् सिर्फ बागेश्वर धाम से ही मिलेगा। इसकी कहीं और कोई शाखा नहीं है। इस संबंध में किसी अन्य संस्था या व्यक्ति के दावों से सावधान रहें। गलत लोगों की बातों में आकर कोई श्रद्धालु ठगा न जाए इसलिए इस सूचना को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
समझना होगा इस तरह के लोग न केवल लोगों को अंध विश्वास में धकेलते हैं , आस्था को व्यापार बना लेते हैं और लोकत्न्त्र के भी दुश्मन हैं । दुखद है कि कांग्रेस के विधायक भी ऐसे जहरीले बोल वाले धीरेन्द्र को सिर पर बैठाये रहते हैं ॰
चित्र में धीरेन्द्र मप्र के गृह मंत्री के साथ
May be an image of 5 people and people standing
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1 टिप्पणी:

How will the country's 10 crore population reduce?

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