मेरी दो अनूदित पुस्तकें
आज ही मेरे द्वारा अनूदित दो पुस्तकें आई हैं, इन्हें नेशनलबुक ट्रस्ट के लिए ही अनुवाद किया था, इसको मिला कर कुल 50 पुस्तकें हो गईं मेरे द्वारा अनूदित
दोनों पुस्तकें छोटे बच्चों के लिए हैा उत्पल तालुकदार की कहानी एक आलसी चूहे की है जिसे जब असल जीवन संघर्ष से सामना होता है तो उसका लालच, नादानी, आलस सब दूर हो जाता हैा उत्पल खुद चित्रकार हैं व कहानी के साथ चित्र मना तिगुना कर देते हैं, पुस्तक की कीमत रूञ 50.00 है.
दूसरी पुस्तक '' जब मिलें तो अभिवादन करें'' बताती है कि देश दुनिया के जहव जंतु, इंसान जब कभी एक दूसरे से मिलते हैं तो अपने अपने तरीके से अभिवादन करते हैं और ऐसा हमें भी करना चाहिए, एस श्यामला की इस पुस्तक के चित्र प्रख्यात कलाकार अतनु रॉय के हैं ा इसका दाम 35.00 रूपए हैा इन्हें नेशनल बुक ट्रस्ट की साईट से खरीदा जा सकता
आज ही मेरे द्वारा अनूदित दो पुस्तकें आई हैं, इन्हें नेशनलबुक ट्रस्ट के लिए ही अनुवाद किया था, इसको मिला कर कुल 50 पुस्तकें हो गईं मेरे द्वारा अनूदित
दोनों पुस्तकें छोटे बच्चों के लिए हैा उत्पल तालुकदार की कहानी एक आलसी चूहे की है जिसे जब असल जीवन संघर्ष से सामना होता है तो उसका लालच, नादानी, आलस सब दूर हो जाता हैा उत्पल खुद चित्रकार हैं व कहानी के साथ चित्र मना तिगुना कर देते हैं, पुस्तक की कीमत रूञ 50.00 है.
दूसरी पुस्तक '' जब मिलें तो अभिवादन करें'' बताती है कि देश दुनिया के जहव जंतु, इंसान जब कभी एक दूसरे से मिलते हैं तो अपने अपने तरीके से अभिवादन करते हैं और ऐसा हमें भी करना चाहिए, एस श्यामला की इस पुस्तक के चित्र प्रख्यात कलाकार अतनु रॉय के हैं ा इसका दाम 35.00 रूपए हैा इन्हें नेशनल बुक ट्रस्ट की साईट से खरीदा जा सकता
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