जो लोग अरब देशों के बारे में बेहद स्टीरियो टाईप छबि रखते हैं, उन्हें
यहां आ कर बदलाव को जरूर देखना चाहिए, अबुधाबी पुस्तक मेले में हर रोज
हजारों हजार महिलांए आ रही हैं, स्कूली बच्चे उनमें भी लडकियां, स्टॉल
के पीछे पुस्तकें बेचतीं, सूचना केंद्रों पर जानकारी देतीिं, बच्चें के
साथ कहानी सुनातीं...... हर जगह महिलाएं हैं, संख्या में पुरूषों से
ज्यादा, ये स्थानीय अरबी महिलाएं हैं, बुरके या हिजाब में होती हैं लेकिन
शानदार अंग्रेजी बोलती हैं, हिंदी समझती हैं पुस्तकें खरीद कर बिल कटवाती
औरतें ही ज्यादा हैं, वे सांईंस, फिक्शन, दुनिया के बारे में इतिहास
जैसे मसलों पर पुस्तकें उठाती हैं , अबुधाबी की राजकुमारी बगैर बुरके या
हिजाब के अखबारों में फोटो देती हैं व बच्चों के लिए काम कर रही हैं, यहां
की शिक्षा मंत्री भी एक महिला हैं व प्रेस से सामना करने में उन्हें कोई
हिचक नहीं होती
My writings can be read here मेरे लेख मेरे विचार, Awarded By ABP News As best Blogger Award-2014 एबीपी न्यूज द्वारा हिंदी दिवस पर पर श्रेष्ठ ब्लाॅग के पुरस्कार से सम्मानित
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Delhi riots and role of €Kejriwal government
दिल्ली हिंसा के पाँच साल और इंसाफ की अंधी गलियां पंकज चतुर्वेदी दिल्ली विधान सभा के लिए मतदान हेतु तैयार है और पाँच ...

-
नर्मदा की कहानी सहयात्री के शब्द नर्मदा की कहानी सहयात्री के शब्द [1] ...
-
कैसे कम होगी देश की दस करोड आबादी ? पंकज चतुर्वेदी हालांकि झारखंड की कोई भी सीमा बांग्...
-
आखिर बस्तर में क्यों खुदकुशी करते हैं अर्ध सैनिक बल पंकज चतुर्वेदी गत् 26 अक्टूबर 24 को बस्तर के बीजापुर जिले के पातरपारा , भैरमगढ़ में...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें