मेरी नई पुस्तक ''जल मांगता जीवन'' एक महीने से कम समयमें आ रही है. यह भारत में जल के चार प्रमुख स्त्राेत - नदी, तालाब, समुद्र और भूजल पर है. इसमें कुछ ग्रांउड रिपोर्ट व केस स्टडी, कुछ आंकडे, कुछ रोचक घटनाएं, कुछ विश्लेषण हैं. कुल मिला कर यह पानी के प्रति संवेदनशील समाज व पर्यावरण के लिए प्रतिबदध पाठकों के लिए एक संदर्भ सामग्री, मार्गदर्शक और दिग्दर्शक हो सकती है. इसमें मेरा लगभग चार साल का समय लगा हैृ देश के कई इलाकों में व्यक्तिगत जाना व समाज से मुलाकात, कुछ खोज कुछ साथियों से सामग्री.
पुस्तक की वि षय वस्तु व कवर पेज प्रस्तुत है . ताकि पुस्तक आने से पूर्व आप इसके बारे में अपनी सोच बना सकें. इसकी कीमत महज तीन सौ रूपए आई है. हमनें कीमत कम करने के लिए कई फोटो डाले नहीं, सामग्री के फांट व पेज के आकार में ज्यादा सामग्री डालने का प्रयास किया.
इस पुस्तक के प्रकाशक हैं प्रख्यात विचारक देश्ा निर्मोही द्वारा संचालित ''आधार प्रकाशन, पंचकूला''. हालांकि उनसे मेरी इस बारे में बात नहीं हर्इु है, लेकिन प्रकाशन पूर्व इसका आर्डर करने वालों को बीस प्रतशित की छूट तथा डाक व्यय हमारा की पेशकश मेरी है.इस पुस्तक की भूमिका जाने माने कार्टूनिस्ट, पेंटर, उपन्यासकार और पिछले कुछ सालों से बंबई के सेलीब्रेटी प्लंबर यानि जल कार्यकर्ता आबिद सुरती ने लि खी है
हां, में चाहता हूं कि पुस्तक ज्यादा से ज्यादा लेागों तक पहुंचे सो, इसका प्रचार कर रहा हूं, बुरा ना मानें, और इसे सहजता से स्वीकार करें
पुस्तक की वि षय वस्तु व कवर पेज प्रस्तुत है . ताकि पुस्तक आने से पूर्व आप इसके बारे में अपनी सोच बना सकें. इसकी कीमत महज तीन सौ रूपए आई है. हमनें कीमत कम करने के लिए कई फोटो डाले नहीं, सामग्री के फांट व पेज के आकार में ज्यादा सामग्री डालने का प्रयास किया.
इस पुस्तक के प्रकाशक हैं प्रख्यात विचारक देश्ा निर्मोही द्वारा संचालित ''आधार प्रकाशन, पंचकूला''. हालांकि उनसे मेरी इस बारे में बात नहीं हर्इु है, लेकिन प्रकाशन पूर्व इसका आर्डर करने वालों को बीस प्रतशित की छूट तथा डाक व्यय हमारा की पेशकश मेरी है.इस पुस्तक की भूमिका जाने माने कार्टूनिस्ट, पेंटर, उपन्यासकार और पिछले कुछ सालों से बंबई के सेलीब्रेटी प्लंबर यानि जल कार्यकर्ता आबिद सुरती ने लि खी है
हां, में चाहता हूं कि पुस्तक ज्यादा से ज्यादा लेागों तक पहुंचे सो, इसका प्रचार कर रहा हूं, बुरा ना मानें, और इसे सहजता से स्वीकार करें
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